आवर्धन और वर्ण विक्षेपण

 आवर्धन और वर्ण विक्षेपण 


कोई लेंस किसी वस्तु का कितना बड़ा या छोटा प्रतिबिंब बनाएगा यह उसी आवर्धन क्षमता पर निर्भर करता है 

अवतल लेंस की आवर्धन क्षमता हमेशा एक से कम होती है 

उत्तल लेंस की आवर्धन क्षमता एक , एक से कम, या एक से अधिक तीनों हो सकती है जिससे उसका प्रयोग सूक्ष्मदर्शी में करते हैं 


Note 🤜 1. M>1  प्रतिबिंब बड़ा बनेगा 

               2. M<1 प्रतिबिंब छोटा बनेगा 

अवतल दर्पण की स्थिति में आवर्धन धनात्मक ऋण आत्मक हो सकता है लेकिन उत्तल दर्पण में आवर्धन का मन सदैव धनात्मक होगा

 उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब सदैव काल्पनिक बनेगा इसलिए आवर्धन का मन एक होता है

समतल दर्पण में वस्तु की लंबाई और प्रतिबिंब की लंबाई दोनों बराबर होती है इसलिए आवर्धन +1 होता है

प्रश्न

प्रश्न








  1. वर्ण विक्षेपण 

इसकी खोजकर्ता न्यूटन है
श्वेत प्रकाश का अलग-अलग रंग में विभक्त हो जाना वर्ण विक्षेपण कहलाता है
वर्ण विक्षेपण प्रिज्म के माध्यम से होता है
प्रिज्म से गुजरने के बाद प्रकाश सात रंगों में बट जाता है और यही विचलन कहलाता है
सबसे कम विचलन लाल रंग का होता है इसीलिए इसका प्रयोग खतरे के संकेत में करते हैं

प्रिज्म 

किन्ही दो असमांतर समतल प्रस्तों के बीच स्थित पारदर्शी माध्यम को प्रिज्म कहते हैं
प्रिज्म में आपतित किरण तथा निर्गत किरण के बीच के को को विचलन कोण कहते हैं प्रिज्म का विचलन कोण तरंगदैर्द्य व्युत्क्रमानुपाती है
 तथा इसमें दो बार अपवर्तन की घटना होती है
 प्रिज्म के पदार्थ का अपवर्तनांक 1.65 होता है

जब श्वेत प्रकाश को किसी प्रिज्म से गुजर जाता है तो वह सात रंगों में बट जाता है जिनका क्रम लाल नारंगी पीला हरा नीला आसमानी बैंगनी होता है

 जिसमें बैगनी रंग का अपवर्तनांक सर्वाधिक होने के कारण आधार की ओर होता है

 लाल रंग का अपवर्तनांक कम होने के कारण ऊपर की ओर होता है श्वेत प्रकाश के सभी रंग समान गति भी करते हैं 

 

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